चमोली के माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन से 57 मजदूरों के फंसे होने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सेना और आईटीबीपी

उत्तराखंड के चमोली में माणा के पास स्थित सेना के एक कैंप के पास भारी हिमस्खलन से 57 मजदूरों के फंसे होने की खबर आ रही है। आपको बता दें की उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी एवं बारिश के बीच शुक्रवार को दोपहर में भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र माणा में सेना के कैंप के पास भारी हिमस्खलन (Avalanche) हुआ है। इस भयानक हादसे में वहां चल रहे निर्माण कार्य में जुटे 57 श्रमिकों के बर्फ में दबे होने की आशंका है। हिमस्खलन के बाद तुरंत एक्शन में आते हुए बचाव टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बचाव कार्य में जुटी सेना और आईटीबीपी ने अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन बाकी मजदूरों की तलाश अभी जारी है।

खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही दिक्क्त:

उत्तराखंड में 2 दिनों से मौसम खराब होने की वजह से सेना को रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी दिक्क्त आ रही है। दोनों ही दिनों में पहाड़ों में जमकर बारिश और बर्फ़बारी हुई है। मौसम की वजह से संचार सेवा भी बाधित हुई है। जिस कारण सेना और आईटीबीपी को श्रमिकों को रेस्क्यू करने में दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।

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सरकार ने लिए संज्ञान:

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि माणा और माणा पास के बीच इस भयंकर हिमस्खलन के बाद से ही सेना और राज्य सरकार ने राहत और बचाव का कार्य तेज कर दिया गया है। सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। अब तक निकाले गए 10 मजदूरों में से तीन को इलाज के लिए सेना अस्पताल भेज दिया गया है। इस क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी और खराब मौसम के कारण संचार सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ गई हैं। इससे बचाव कार्य में भी काफी मुश्किलें आ रही हैं। चमोली जिले के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मजदूरों के दबने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत राहत अभियान शुरू कर दिया है। इस विषय पर सीएम धामी ने भी प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मजदूरों की सहायता के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।

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बचाव कार्य में तेजी के लिए प्रशासन ने मांगी एयर फोर्स से मदद:

हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने भारतीय वायुसेना (Air Force) से भी मदद मांगी है। सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें मौके पर पहले ही जुट चुकी हैं और बर्फ में दबे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही हैं। भारी बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद राहत कार्य में लगे जवान अपनी जान की परवाह किए बिना मजदूरों को बचाने में लगे हुए हैं। प्रशासन और सेना की टीमों को उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा, “हिमस्खलन की सूचना मिलते ही हमने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया है। बाकी मजदूरों को निकालने के लिए एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है। हमारी पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाए। इस भयावह हादसे के बाद पूरे इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है। प्रशासन, सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। मौसम की मुश्किलों के बावजूद जवानों का हौसला कायम है और उम्मीद है कि जल्द ही इस आपदा में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

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